गुरुवार, 22 दिसंबर 2011

IMPORTANT DATE-2

10-11-2011 i went to m.col. and had admited there for operation.next 11-11-2011 operated my eye by dr.vineeta sing.i stayed at night in m.c.next day i back home. i had done rdgular contact by phone to g.p. on dated 15-11-2011 advo.mishra had told that case had filed .deceson will be on date 17-11-2011 when i contact on date 17-11-2011 he said ''order is positive .come and get stay order copy.'' i had reached on 18-11-2011.advo.mishra said that copy of stay order is not signed by registrar.

IMPORTANT DATE-1

08-11-2011-from gwaliyar baroni train i went to lucknow.reach at 1'o clock p.m. went to medical college.i was late. i contact dr.rr and s.r. after it i went to sanjay kumar for legal cosulting. i went there,talk about quashing.but result was zero.i stayed at s.r.next day i went to g.p.mishra's residence and talk about qushing in h.c.he had been agree .i paid him rs 5500 for file case and stay order.i went to med. col. in night returned at g.p.mishra home.sty there discus about own case.

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

POLICE KI KARAMAT

DAINIK JAGRAN19OCT2011 KA SAMPADKIYA PARHA. GAZIYABAD ME POLLICE NE EK AADMI KO APARADH K MAMLE ME FASA DIYA.USKA RIVOLVER TATHA LICENCE KO JABT KAR LIYA.JAB MAMLA HIGH COURT GAYA TO PATA CHALA KI SARA MAMLA JHUTHA HAI.C.O.NE COURT ME JHUTHA AFIDEVIT LAGA DIYA.FIR MAFI MANGA.COURT NE LOCAL POLICE PAR 50000Rs KA JURMANA LAGAYA HAI.KITNA DUKHAD GHATANA HAI.MERI BHI YAHI KAHANI HAI. LEKIN MERI PAHUCH JADA NAHI HAI.BHUGAT RAHA HU.MERE SATH BAHUT BARA ANYAY HUWA HAI.LEKIN SORSLES HONE SE BHUGAT RAHA HU

बुधवार, 19 अक्तूबर 2011

UP POLICE पर दंड-2

ठीक है कि वह
ब्यक्ति निर्दोष
साबित हो गया!
लेकिन उसने जो
भोगा क्या वह
वापस आएगा?
क्यालोकलपुलिसपर50हजार का
दंड काफी है?
यदि यही घटना
आम आदमी के
साथ होता तो?
वह तो आजीवन
लणता रहता अंत
मे सजा पाता|

UP POLICE पर दंड

जागरण का सम्पादकीय 19oct
2011.गाजियाबाद
पुलिस ने एक
निरपराधी पर
अपराध का आरोप लगा कर
उसका रिवाल्बर
व लाइसेंस जब्त
कर लिया|हाई
कोर्ट ने मामले
का संग्यान लिया
औरलोकलपुलिस पर 50 हजार का दंड दिया |

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011

न्याय मे बाधक-4

हमारे देश मे
कहने को मानवा
धिकार आयोग भी है लेकिन
उसकी गरीब व
आमजन के मामले मे कार्य
पद्धति संतोष
जनक नही कहा जा सकता!वहाँ
दिये APPLICATIONपर कई दिनो बाद कार्य
वाही होती है वह
भी लोकल पुलिस द्वारा!!

न्याय मे बाधक-3

एक आदमी जो high profile है के मामले
मेCOURTफौरनACTIVE हौ जाता है जबकि
आम आदमी गरीब के मामले
वर्षो तक COURT
मामले को संगान
मे ही नही लेता
आखिर क्यो?
बिचारणनीय
सवाल है!कोर्टो
को भी सोचना
होगा!!जज केवल
एक जाब ही नही
!!

न्याय मे बाधक-2

देश के संविधान
मे विधि के सामने
सभी नागरिक
समान माने गये
है!लेकिन ऐसा है
नही!एक आदमी
फर्जी रपट लिखाता है और
आग जैसी लग
जाती है जबकि
एक दूसरा है जि
सकी रपट लिखी
ही नही जाती!!
आखिर हरेक आदमी अमरसिँह

शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

न्याय मे बाधक-1

भारत की न्याय
प्रक्रिया बेहतरीन है!हाँ इसका बेस
पुलिस होने से
आमजन न्याय से
बंचित सा लगता
है!अब देखो FIR लिखना हैPOLICEको
CHARGE SHEETतैयार
कर आरोप लगाना हैPOLICE को
फिर न्याय की
आशा कैसे?वह
सोर्शवाले के
साथ!!

गुरुवार, 29 सितंबर 2011

गरीब व न्याय

कहते है कि गरीब
अकिंचन अर्थात
उसके पास कुछ
नही होता!!लेकिन
जब उसका जो कुछ भी है उसे भी सक्षम लोग हणपने पर लगे
रहते है!पावरवाले के साथ शासन व
प्रसासन भी रहता है!उसे अगर
सहारा है तो केवल कोर्ट का!

गरीब व न्याय

भारत मे एक संवि
धान है मूलाधि
कार है उन्हेपाने के लिए JUDICIARY भी है !जानकर अच्छा
लगता है लेकिन
हकीकत इतना
सरल व सहज नही!हक पाना बणा कठिन है!
हक लेना पणता
है!इसके लिए दाम
चाहिए समय चा
हिए!और ताकत भी !!

शनिवार, 17 सितंबर 2011

nyay ki har

एक ब्यक्ति सरकारी तंत्र के
गलत निर्णय के
कारण जेल चला
जाता है।वह कई
साल न्यायिक
प्रक्रिया का
सामना करता है
अंत मे निर्दोष
साबित होता है!
इस बीच वह
निर्धन हो जाता
है अपमानित होता है!क्या
न्याय ह

शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

न्याय जीते कैसे

एक आदमी के विरुद्ध सोर्स
वाले लोग षणयंत्र कर पुलिस से मिलकर फर्जी तरीके से फँसा
देते है।उसकेपास
क्या उपाय है?
मरता रहे या
साबित करे कि
वह निर्दोष है!
वह दोषरहित हो
जाता है तो गलत लोग को सजा मिलेग

रविवार, 11 सितंबर 2011

nyay ki har हारा न्याय

आज कोर्ट को सब
कोसते है कि न्याय मिलता नही अगर मिलता भी तौ देरी से?
संसद हमले के केश मे मात्र 4
साल मे अफजल
को सजा दे दी गयी!आज11साल
बाद भी सजा न
होना न्याय की
हार ही तो है!!अंत
में न्याय की हार ????

बुधवार, 7 सितंबर 2011

PARMESHWAR PANDEY BHARPURWA MASKANWA GONDA U.P.

एक सिद्धान्त
है कि न्याय केवल होना ही नही
चाहिए वल्कि लगना भी चाहिए
कि न्याय हो रहा
है।मानवाधिकार
आयोग,लोकायुक्त सतर्कता आयोग आदि आदि
इसीलिए तो बनाई गयी है !
ये दिखाने के
लिएहैकिलोगसंतुष्ट रह

PARMESHWAR PANDEY BHARWA MASKANWA GONDA

मैने समय समय पर रिश्वतखोरी
व सोर्श के आधार पर अधिकारी को
अपने पक्ष में
करके विरोधियो
के जुल्म का शिकार बनता रहाहूँ। हमने
यह विश्वाश किया कि अंत मे
न्याय की जीत
होती ही है!लेकि
न यह मेरी भूल
?

बुधवार, 31 अगस्त 2011

कैसे हारा न्याय

हाँ हमारे देश
मेँ न्याय की
अंत मेँ हार
कैसे होती है
यह इस ब्लाग का
विषय है।एक अंध विश्वास है कि
अंत मेँ न्याय
की जीत होती ही
है.लेकिन यह
आंशिक सत्य ही
है पूर्ण नहीँ!
हमारे 80 वर्षौ
का जीवंत अनूभ
व है