गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

POLICE KI KARAMAT

DAINIK JAGRAN19OCT2011 KA SAMPADKIYA PARHA. GAZIYABAD ME POLLICE NE EK AADMI KO APARADH K MAMLE ME FASA DIYA.USKA RIVOLVER TATHA LICENCE KO JABT KAR LIYA.JAB MAMLA HIGH COURT GAYA TO PATA CHALA KI SARA MAMLA JHUTHA HAI.C.O.NE COURT ME JHUTHA AFIDEVIT LAGA DIYA.FIR MAFI MANGA.COURT NE LOCAL POLICE PAR 50000Rs KA JURMANA LAGAYA HAI.KITNA DUKHAD GHATANA HAI.MERI BHI YAHI KAHANI HAI. LEKIN MERI PAHUCH JADA NAHI HAI.BHUGAT RAHA HU.MERE SATH BAHUT BARA ANYAY HUWA HAI.LEKIN SORSLES HONE SE BHUGAT RAHA HU

बुधवार, 19 अक्तूबर 2011

UP POLICE पर दंड-2

ठीक है कि वह
ब्यक्ति निर्दोष
साबित हो गया!
लेकिन उसने जो
भोगा क्या वह
वापस आएगा?
क्यालोकलपुलिसपर50हजार का
दंड काफी है?
यदि यही घटना
आम आदमी के
साथ होता तो?
वह तो आजीवन
लणता रहता अंत
मे सजा पाता|

UP POLICE पर दंड

जागरण का सम्पादकीय 19oct
2011.गाजियाबाद
पुलिस ने एक
निरपराधी पर
अपराध का आरोप लगा कर
उसका रिवाल्बर
व लाइसेंस जब्त
कर लिया|हाई
कोर्ट ने मामले
का संग्यान लिया
औरलोकलपुलिस पर 50 हजार का दंड दिया |

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011

न्याय मे बाधक-4

हमारे देश मे
कहने को मानवा
धिकार आयोग भी है लेकिन
उसकी गरीब व
आमजन के मामले मे कार्य
पद्धति संतोष
जनक नही कहा जा सकता!वहाँ
दिये APPLICATIONपर कई दिनो बाद कार्य
वाही होती है वह
भी लोकल पुलिस द्वारा!!

न्याय मे बाधक-3

एक आदमी जो high profile है के मामले
मेCOURTफौरनACTIVE हौ जाता है जबकि
आम आदमी गरीब के मामले
वर्षो तक COURT
मामले को संगान
मे ही नही लेता
आखिर क्यो?
बिचारणनीय
सवाल है!कोर्टो
को भी सोचना
होगा!!जज केवल
एक जाब ही नही
!!

न्याय मे बाधक-2

देश के संविधान
मे विधि के सामने
सभी नागरिक
समान माने गये
है!लेकिन ऐसा है
नही!एक आदमी
फर्जी रपट लिखाता है और
आग जैसी लग
जाती है जबकि
एक दूसरा है जि
सकी रपट लिखी
ही नही जाती!!
आखिर हरेक आदमी अमरसिँह